Bikhri Huyi Zulf Ishaaron Mein Kah Gayi,
Mein Bhi Shareek Hun Tere Haal-e-Tabaah Mein.
अगर बिकने पे आ जाओ तो घट जाते हैं दाम अक्सर,
न बिकने का इरादा हो तो क़ीमत और बढ़ती है।
चलो आज अपना हुनर आज़माते हैं,
तुम तीर आजमाओ हम अपना जिगर आज़माते हैं।
शायर कह कर मुझे बदनाम ना करना दोस्तो,
में तो रोज़ शाम को दिन भर का हिसाब लिखता हूँ।
जिसको आज मुझमें हज़ारों गलतियां नज़र आती हैं,
कभी उसी ने कहा था तुम जैसे भी हो… मेरे हो।